DA Hike: केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की दरों में संशोधन करती है। यह प्रक्रिया साल में दो बार होती है, जिसमें पहली बार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में नई दरें लागू की जाती हैं। इन संशोधनों की घोषणा आमतौर पर मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर के महीनों में होती है। महंगाई भत्ते की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के छमाही आंकड़ों पर आधारित होती है, जो जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर की अवधि के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाती है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के अनुपात में उचित वेतन मिलता रहे।
वर्तमान महंगाई भत्ता की स्थिति
जनवरी 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। इस वृद्धि की घोषणा मार्च 2025 में की गई थी और यह सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित हुई है। वर्तमान में सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी अपनी मूल वेतन का 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते के रूप में प्राप्त कर रहे हैं। यह दर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर निर्धारित की गई है और बढ़ती जीवन लागत के अनुपात में कर्मचारियों की आर्थिक सहायता करती है। अब सभी की नजरें जुलाई 2025 में होने वाली अगली वृद्धि पर टिकी हुई हैं।
जनवरी से अप्रैल के सूचकांक आंकड़े
श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अप्रैल 2025 तक के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में मिश्रित प्रवृत्ति देखने को मिली है। जनवरी 2025 में AICPI सूचकांक 143.2 था, लेकिन फरवरी में यह 0.4 अंक गिरकर 142.8 पर आ गया। मार्च में 2 अंक की बढ़ोतरी के साथ यह वापस 143.0 पर पहुंच गया और अप्रैल में 0.5 अंक की वृद्धि के साथ 143.5 पर स्थिर हो गया। इन आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ता स्कोर 57.95 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो दो प्रतिशत की वृद्धि की संभावना को दर्शाता है। हालांकि मई और जून के अंतिम आंकड़े अभी भी आने बाकी हैं।
जुलाई 2025 में संभावित वृद्धि
मई और जून 2025 के आंकड़ों के आधार पर जुलाई में महंगाई भत्ते में वृद्धि की प्रबल संभावना है। यदि सूचकांक में तेजी का रुख जारी रहता है तो महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़कर 58 प्रतिशत हो सकता है। वहीं यदि आंकड़ों में गिरावट आती है तो दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 57 प्रतिशत हो सकता है। इस वृद्धि का प्रभाव कर्मचारियों की सैलरी पर साफ दिखेगा। उदाहरण के लिए 18 हजार रुपए की मूल वेतन पर दो प्रतिशत वृद्धि से 10,260 रुपए और तीन प्रतिशत वृद्धि से 10,440 रुपए महंगाई भत्ता मिलेगा। यह नई दरें जुलाई 2025 से प्रभावी होंगी और कर्मचारियों को बकाया राशि भी मिलेगी।
महंगाई भत्ता गणना की विधि
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक निर्धारित फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है। सातवें वेतन आयोग के अनुसार महंगाई भत्ता प्रतिशत की गणना इस प्रकार की जाती है – पिछले 12 महीनों के AICPI-IW का औसत घटाकर 261.42 से भाग देकर 100 से गुणा करना। यह फॉर्मूला उन सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर लागू होता है जिन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन मिलता है। वर्तमान में पिछले 12 महीनों का औसत CPI-IW 392.83 है, जिसके आधार पर महंगाई भत्ता मूल वेतन का 50.28 प्रतिशत आता है।
घोषणा की संभावित तिथि और प्रभाव
जुलाई 2025 में महंगाई भत्ता वृद्धि की घोषणा दिवाली के आसपास होने की संभावना है। यह घोषणा करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी होगी क्योंकि इससे उनकी मासिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। नई दरों के साथ-साथ कर्मचारियों को जुलाई से घोषणा तक का बकाया भी मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाएगा। हालांकि अभी भी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है और अंतिम निर्णय मई-जून के CPI-IW आंकड़ों के आधार पर लिया जाएगा।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। महंगाई भत्ता वृद्धि से संबंधित नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए केंद्र सरकार की आधिकारिक अधिसूचनाओं का सहारा लें। किसी भी नीतिगत बदलाव की स्थिति में सरकारी घोषणाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।