खराब सिबिल स्कोर वालों को तगड़ा झटका, अब लोन के अलावा एक और मुश्किल का करना होगा सामना CIBIL Score

By Meera Sharma

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CIBIL Score

CIBIL Score: आजकल की आधुनिक वित्तीय दुनिया में सिबिल स्कोर का महत्व केवल लोन लेने तक सीमित नहीं रह गया है। पहले लोग समझते थे कि सिबिल स्कोर का उपयोग सिर्फ बैंक से लोन लेने के समय किया जाता है, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। वर्तमान समय में सिबिल स्कोर का प्रभाव व्यक्ति के करियर पर भी पड़ने लगा है। विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए अब अच्छा सिबिल स्कोर होना अनिवार्य हो गया है। यह बदलाव वित्तीय संस्थानों की बढ़ती सतर्कता और जोखिम प्रबंधन की नीति का परिणाम है।

बैंक जॉब में सिबिल स्कोर की भूमिका

बैंकिंग सेक्टर में नौकरी पाने के नियम अब और भी कड़े हो गए हैं। पहले केवल शैक्षणिक योग्यता और परीक्षा में सफलता ही काफी थी, लेकिन अब उम्मीदवार का वित्तीय अनुशासन भी देखा जाता है। सरकारी बैंकों में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का सिबिल स्कोर चेक किया जाता है। यह इसलिए किया जाता है क्योंकि बैंक का कर्मचारी पैसों के लेन-देन का काम करता है। अगर कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत वित्तीय मामलों में अनुशासित नहीं है, तो बैंक उस पर भरोसा नहीं कर सकता। इस कारण से अब बैंक जॉब के लिए भी सिबिल स्कोर एक महत्वपूर्ण कसौटी बन गया है।

न्यूनतम सिबिल स्कोर की आवश्यकता

आईबीपीएस यानी इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन के नवीनतम नियमों के अनुसार, बैंक जॉब के लिए न्यूनतम 650 सिबिल स्कोर होना आवश्यक है। इससे कम स्कोर वाले उम्मीदवारों को सरकारी बैंक की नौकरी मिलने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि यह नियम सभी बैंकों पर समान रूप से लागू नहीं है, फिर भी अधिकांश बैंक इस मानदंड को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक के लिए अभी तक यह नियम लागू नहीं है, लेकिन भविष्य में इसमें भी बदलाव हो सकता है। इसलिए बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे युवाओं को अपना सिबिल स्कोर 650 से ऊपर रखना चाहिए।

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क्रेडिट हिस्ट्री न होने की स्थिति

कई युवाओं की अभी तक कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती क्योंकि उन्होंने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया होता। ऐसी स्थिति में उनका कोई सिबिल स्कोर नहीं बनता। इस समस्या का समाधान भी है। जिन उम्मीदवारों की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, उन्हें बैंक से एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी लेना होगा। यह एनओसी इस बात का प्रमाण होता है कि उम्मीदवार का बैंकों के साथ कोई विवाद नहीं है। अगर एनओसी नहीं मिलती या कोई समस्या आती है, तो उम्मीदवार का जॉब ऑफर कैंसल भी हो सकता है। इसलिए समय रहते इस मामले को संभालना जरूरी है।

सिबिल स्कोर खराब होने के मुख्य कारण

सिबिल स्कोर खराब होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारण है लोन की किस्त या ईएमआई समय पर न भरना। जब कोई व्यक्ति अपनी लोन की किस्त देने में देरी करता है या पूरी तरह से चूक जाता है, तो इसका सीधा प्रभाव सिबिल स्कोर पर पड़ता है। क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न भरना भी सिबिल स्कोर को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा, अगर आप किसी का लोन गारंटर बनते हैं और वह व्यक्ति लोन डिफॉल्ट कर देता है, तो इसका असर आपके सिबिल स्कोर पर भी पड़ता है। कई बार डेटा की गलती या पहचान की चोरी के कारण भी सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है।

सिबिल स्कोर सुधारने के प्रभावी तरीके

सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए वित्तीय अनुशासन बनाए रखना सबसे जरूरी है। सभी तरह के बिल और लोन की ईएमआई हमेशा समय पर भरनी चाहिए। क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और कुल लिमिट का 30 प्रतिशत से अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए। किसी भी बिल की अंतिम तारीख का इंतजार न करके उसे पहले ही भर देना चाहिए। नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए ताकि कोई गलती हो तो उसे तुरंत सुधारा जा सके। एक से अधिक क्रेडिट कार्ड का बैलेंस बनाए रखना और पुराने अकाउंट को बंद न करना भी फायदेमंद होता है।

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तुरंत सिबिल स्कोर सुधारने के उपाय

अगर आपको जल्दी सिबिल स्कोर सुधारना है, तो कुछ खास तरीके अपनाए जा सकते हैं। सबसे प्रभावी तरीका है फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड लेना। इस कार्ड का नियमित और जिम्मेदार उपयोग करके कुछ महीनों में ही सिबिल स्कोर में सुधार देखा जा सकता है। छोटी-छोटी खरीदारी करके समय पर बिल भरने से भी क्रेडिट हिस्ट्री बनती है। अगर पहले से कोई लंबित राशि है तो उसे तुरंत भरना चाहिए। सिबिल स्कोर 750 या इससे ऊपर होने पर न केवल बैंक जॉब मिलने में आसानी होती है बल्कि भविष्य में लोन भी कम ब्याज दर पर मिल सकता है।

भविष्य की चुनौतियां और तैयारी

आने वाले समय में सिबिल स्कोर का महत्व और भी बढ़ने वाला है। न केवल बैंकिंग बल्कि अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़ी नौकरियों में भी सिबिल स्कोर देखा जाने लगा है। इंश्योरेंस कंपनियां, एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की वित्तीय पृष्ठभूमि की जांच करने लगी हैं। इसलिए आज से ही अपने सिबिल स्कोर पर ध्यान देना जरूरी है। नियमित निगरानी, समय पर भुगतान और जिम्मेदार क्रेडिट व्यवहार अपनाकर न केवल करियर की संभावनाएं बेहतर बनाई जा सकती हैं बल्कि वित्तीय स्वतंत्रता भी हासिल की जा सकती है।

सिबिल स्कोर आज के युग में सिर्फ एक नंबर नहीं बल्कि व्यक्तित्व का आईना बन गया है। यह आपकी वित्तीय जिम्मेदारी और अनुशासन को दर्शाता है। बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे युवाओं के लिए अच्छा सिबिल स्कोर अब एक अनिवार्य योग्यता बन गया है। समय रहते अपने सिबिल स्कोर को सुधारकर न केवल नौकरी के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं बल्कि भविष्य की वित्तीय जरूरतों के लिए भी तैयारी की जा सकती है। वित्तीय अनुशासन और सही रणनीति के साथ कोई भी व्यक्ति अपना सिबिल स्कोर सुधार सकता है।

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अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। वास्तविक नीतियां और नियम समय-समय पर बदलते रहते हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान से सत्यापित जानकारी प्राप्त करें। सिबिल स्कोर से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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