प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना के तहत किसानों को मिलेंगे ₹6000 PM Kisan Beneficiary

By Meera Sharma

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PM Kisan Beneficiary

PM Kisan Beneficiary: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो देश के छोटे और सीमांत किसानों के कल्याण के लिए शुरू की गई है। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए बनाई गई है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और खेती के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में कठिनाई का सामना करते हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार प्रत्येक वर्ष 6000 रुपए की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजती है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में सहायक होती है।

योजना की शुरुआत और इसका इतिहास

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट के दौरान की गई थी। इस योजना की औपचारिक शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में की गई थी। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता के साथ चलाई जा रही है।

योजना की शुरुआत के बाद से अब तक 19 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। सबसे हाल की 19वीं किस्त 24 फरवरी 2025 को जारी की गई थी। अब 20वीं किस्त जून महीने में जारी होने की संभावना है। प्रधानमंत्री जी स्वयं इस योजना की किस्तों को किसानों के खाते में भेजने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं, जो इस योजना के महत्व को दर्शाता है।

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योजना की कार्यप्रणाली और लाभ वितरण

इस योजना के तहत दी जाने वाली 6000 रुपए की राशि को तीन बराबर किस्तों में बांटा गया है। प्रत्येक किस्त में 2000 रुपए की राशि होती है जो साल में तीन बार किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि किसानों को नियमित अंतराल पर आर्थिक सहायता मिलती रहे और वे अपनी कृषि गतिविधियों को निरंतर चलाते रह सकें।

धनराशि का सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होना इस योजना की एक प्रमुख विशेषता है। इससे भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाती है और किसानों को बिना किसी बिचौलिए के सीधे लाभ मिलता है। यह डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में भी योगदान देता है।

योजना के मुख्य उद्देश्य और सामाजिक प्रभाव

इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश के करोड़ों किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। खेती की शुरुआत में किसानों को बीज, खाद, उर्वरक और अन्य कृषि सामग्री खरीदने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। यह योजना उस आवश्यकता को पूरा करने में सहायक होती है। इससे किसानों की वार्षिक आय में वृद्धि होती है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं।

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योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि यह किसानों को साहूकारों और कर्ज के चक्र से मुक्त करने में सहायक होती है। जब किसानों के पास बुनियादी आर्थिक सहायता उपलब्ध होती है तो वे महंगे कर्ज लेने के लिए मजबूर नहीं होते। इससे किसानों की आर्थिक तंगी कम होती है और आत्महत्या की घटनाओं में भी कमी आती है।

ई-केवाईसी की महत्वता और प्रक्रिया

इस योजना का निरंतर लाभ उठाने के लिए समय-समय पर ई-केवाईसी कराना आवश्यक है। ई-केवाईसी की प्रक्रिया बहुत सरल है और इसे घर बैठे ऑनलाइन किया जा सकता है। सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है, फिर फार्मर कॉर्नर में ई-केवाईसी का विकल्प चुनना होता है। इसके बाद आधार नंबर दर्ज करके ओटीपी वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

यह योजना भारतीय कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है जो न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारती है बल्कि पूरे देश की खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देती है।

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डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना की नीतियां और नियम सरकार द्वारा समय-समय पर बदले जा सकते हैं। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए कृपया आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं या संबंधित कृषि कार्यालय से संपर्क करें।

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Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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